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- तनहा शायर हूं समाज हुआ सहमा सब्र ठहरा हुआ है ज़ख़्मी हुआ जाता है दिल शंखनाद हुआ एक सुबह कुछ हुआ था यूँ

Hindi डरा हुआ सहमा हुआ एक अफसाना है Poems